भले ही आजकल ज्यादातर लेन देन फोन पे, गूगल पे या फिर पेटिएम के जरिए किया जाता है। लेकिन फिर भी लोग बड़ी पेमेंट को चेक के जरिए करना ही सेफ मानते हैं। वहीं, ज्यादातर लोगों को चेक से जुड़े नियमों के बारे में जानकारी कम होती है। जिसकी वजह से वह बड़ी मुसीबत में फंस जाते हैं। कई बार जब चेक से पेमेंट की जाती है और अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस नहीं होता। जिसके चलते चेक बाउंस (Cheque Bounce) हो जाता है। आइए जानते हैं चेक बाउंस होने पर क्या करना होगा-
आजकल ज्यादातर लेनदेन डिजिटल ट्रांजेक्शन (digital transaction) के जरिए हो रहा है। लेकिन फिर भी बड़े अमाउंट के लेनदेन के लिए अभी भी चेक पर ज्यादा भरोसा किया जाता है। इसके पीछे कई बड़ी वजह है। जिसमें से सबसे बड़ी एक वजह है फ्रॉड से बचना और बैंक और अपने पास रिकॉर्ड का उपलब्ध होना।
लेकिन अक्सर लोग चेक से लेनदेन (cheque payment) को हल्के में लेते है और उनका चेक अकाउंट में पर्याप्त बैलेस ना होने की वजह से बाउंस हो जाता है। जिसके बाद उन्हें पेनल्टी तो देनी ही पड़ती है साथ में कई बार सजा काटने तक की नौबत आ जाती है। ऐसे में हम आपको आरबीआई (RBI) यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियम के अनुसार चेक बाउंट होने पर की जाने वाली कार्रवाई के बारे में बता रहे हैं।
चेक बाउंस (check bounced) होना है अपराध- आरबीआई (RBI) के नियम के अनुसार चेक बाउंस होना धारा 138 के तरह दंडनीय अपराध है। इसमें खाताधारक पर पेनल्टी तो लगती है साथ में पेनल्टी और 2 साल तक की सजा भी हो सकती है। अगर आप कानूनी कार्रवाई से बचना चाहते हैं। तो हमेशा चेक देते समय अपने अकाउंट में पर्याप्त बैलेस रखें।
चेक बाउंस होने पर धारा 138 के तरह मामला दर्ज हो सकता है। जिसमें जुर्माना या दो साल की सजा या फिर दोनों निर्धारित की जा सकती है। आपको बता दें चेक बाउंस होने की स्थिति में जिस शहर में आपको अकाउंट है वहीं मामला दर्ज होगा।
जिस तारीख का चेक काटा जाता है। उस दिन से तीन महीने तक चेक की वेलिडिटी रहती है। अगर आप इस दौरान अकाउंट से चेक कैश (check cash) नहीं कराते हैं। तो चेक अपने आप कैंसल हो जाता है। इस स्थिति में कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं कर सकते। आपको बता दें इससे पहले चेक की वेलिडिटी 6 महीने की होती थी।
चेक बाउंस होने पर धारा 138 के तरह मामला दर्ज हो सकता है। जिसमें जुर्माना या दो साल की सजा या फिर दोनों निर्धारित की जा सकती है। आपको बता दें चेक बाउंस होने की स्थिति में जिस शहर में आपको अकाउंट है वहीं मामला दर्ज होगा।