भविष्य में पंजाब में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री महंगी हो जाएगी। पंजाब सरकार ने कलेक्टर रेट बढ़ाने का फैसला किया है। पंजाब सरकार ने मार्केट रेट के हिसाब से कलेक्टर रेट बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के अनुसार सरकार ने 1500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है, जो पिछले वित्त वर्ष के दौरान 4200 करोड़ रुपए था।
सभी डिप्टी कमिश्नरों को भी निर्देश जारी किए गए हैं। इससे पहले कलेक्टर रेट में 5 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाती थी, लेकिन इस बार मार्केट रेट को आधार बनाया गया है, ताकि कालेधन को खत्म किया जा सके। सरकार की ओर से साल में दो बार ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कलेक्टर रेट तय किया जाता है। इस रेट से कम पर किसी भी जमीन की रजिस्ट्री नहीं की जा सकती।
कलेक्टर रेट बढ़ाने को लेकर राजस्व विभाग के अधिकारियों की बैठक हो चुकी है। साथ ही इस संबंध में पूरी रणनीति बनाई गई है। कलेक्टर रेट में 5 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी आम बात है, लेकिन जमीन की स्थिति भी इसे तय करने में अहम भूमिका निभाती है। अगर कोई क्षेत्र ज्यादा विकसित हो रहा है तो उसमें बढ़ोतरी की जाती है।
जबकि, कृषि संपत्ति, रिहायशी, कमर्शियल, रिहायशी और औद्योगिक के लिए कलेक्टर रेट अलग-अलग तय किए गए हैं। सभी जिलों को अपने स्तर पर इसमें बढ़ोतरी करनी है। हालांकि, जिलों को पटियाला में लागू किए गए मॉडल को देखने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, सभी अधिकारी अपने क्षेत्र के प्रॉपर्टी बाजार का भी अध्ययन कर रहे हैं ताकि सही फैसला लिया जा सके। हालांकि, कलेक्टर रेट में लंबे समय से बढ़ोतरी नहीं की गई थी।
पटियाला जिले में अलग-अलग इलाकों में कलेक्टर रेट में अलग-अलग बढ़ोतरी की गई है। कुछ इलाकों में यह 100 फीसदी तक बढ़ गई है। लेहल में कृषि भूमि का कलेक्टर रेट 70 लाख रुपए से बढ़कर 1.50 लाख रुपए प्रति एकड़ हो गया है। इसी तरह, धालीवाल कॉलोनी में यह रेट 56,680 रुपए प्रति वर्ग गज से बढ़कर 1.12 लाख रुपए प्रति वर्ग गज हो गया है। जबकि रिहायशी इलाकों में यह कम बढ़ा है। न्यू लाल बाग कॉलोनी में यह रेट 14300 रुपये प्रति वर्ग गज से बढ़कर 16000 रुपए प्रति वर्ग गज हो गया है।