चंडीगढ़: सुप्रीम कोर्ट की ओर से करीब छह महीने से बंद पड़े शंभू बॉर्डर को आंशिक तौर पर खोलने का आदेश दिया गया है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद से ही किसान जत्थेबंदियां सक्रिय हो गई हैं। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि किसान पहले से ही चाहते थे कि शंभू बॉर्डर खुले। रास्ता बंद होने से व्यापारियों व ट्रांसपोर्टरों को जहां करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा था, वहीं आम जनता को आने-जाने में परेशानी हो रही थी। डल्लेवाल ने कहा कि अगर किसानों की मानी मांगें जल्द लागू न की, तो रास्ते खुलने पर किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ दिल्ली कूच करेंगे। 13 फरवरी को किसान अपने घरों से दिल्ली कूच के लिए निकले थे, लेकिन हरियाणा सरकार ने बैरिकेडिंग करके किसानों को शंभू व खन्नौरी बॉर्डर पर रोक दिया। डल्लेवाल ने कहा कि जत्थेबंदियों का रुख साफ है कि किसान हर हाल में ट्रैक्टर -ट्रालियों के साथ ही दिल्ली कूच करेंगे। ट्रैक्टर-ट्रालियां किसानों के लिए दूसरा घर है, जो उन्हें गर्मी, सर्दी व बारिश से बचाती हैं। इन्हीं ट्रैक्टर-ट्रालियों में किसान अपनी हर जरूरत का सामान जैसे राशन, गद्दे, चादरें, पंखे बगैरा लेकर चलते हैं। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बारे में डल्लेवाल ने कहा कि जत्थेबंदियां भी मानती हैं कि हाईवे पार्किंग के लिए नहीं हैं, लेकिन किसानों को मजबूरन यहां रुकना पड़ा है। मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। अब वापसी मांगें पूरी होने पर ही होगी।