देशभर की विभिन्न किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच सोमवार देर रात हुई बैठक मामलों को सुलझाने में विफल रही। इसके बाद किसानों ने घोषणा की कि वे विरोध प्रदर्शन करने के लिए मंगलवार सुबह 10 बजे राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करने की अपनी योजना पर कायम हैं। केंद्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने किया और इसमें कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा शामिल थे, जबकि पंजाब के मंत्री कुलदीप धालीवाल और राज्य सरकार के अधिकारी भी मौजूद थे।
सूत्रों के मुताबिक, बातचीत थोड़ी आगे बढ़कर थम गई, क्योंकि किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी लेने पर अड़े हुए हैं। जबकि केंद्र ने पहले ही उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी कुछ मांगें पूरी की जाएंगी। सूत्रों का कहना है कि किसान नेता तब तक पीछे हटने को तैयार नहीं हैं, जब तक कि कर्ज माफी और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी नहीं मिल जाती। प्रदर्शनकारियों और राशन से लदे ट्रैक्टरों के साथ हजारों किसानों के काफिले पंजाब और हरियाणा की सड़कों पर हैं, जो दिल्ली की ओर जाने के लिए तैयार हैं।
बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) समन्वयक जगजीत सिंह दल्लेवाल ने मीडिया को बताया कि केंद्र उनकी शिकायतों का निवारण करने में विफल रहा है, इसलिए किसानों ने 13 फरवरी को अपना नियोजित विरोध जारी रखने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार किसानों की मांगों के संबंध में सिर्फ समय गुजारने की कोशिश कर रही है। हम सुबह 10 बजे अपने गंतव्यों से राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच करेंगे।‘
उन्होंने कहा, ’कोई नया प्रस्ताव नहीं आया है। सभी पुराने प्रस्ताव थे। हम कोई टकराव नहीं चाहते। हम हर बिंदु पर चर्चा चाहते थे। लेकिन सरकार सिर्फ हमारा समय बर्बाद करना चाहती है। उन्होंने और समय मांगा। हमने सरकार से कहा कि वह इस पर विचार करे, निर्णय ले, लेकिन उन्होंने कोई निर्णय नहीं लिया। हमारा विरोध जारी रहेगा। हम सुबह 10 बजे से दिल्ली की ओर बढ़ेंगे।‘
राजस्थान के किसान नेता रणजीत सिंह राजू ने कहा कि वे मंगलवार को दिल्ली तक मार्च करेंगे। उन्होंने कहा, ‘सरकार ने एक समिति बनाने की पेशकश की और हमें बातचीत में शामिल करने का वादा किया। यह चर्चा काफी समय से चल रही है। हमारे समर्थक सुबह दिल्ली की ओर बढ़ना शुरू कर देंगे।‘
किसान नेताओं और केंद्र के बीच बातचीत के बेनतीजा रहने के बाद मंगलवार को किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर बहुस्तरीय अवरोधक, कंक्रीट के अवरोधक, लोहे की कीलों और कंटेनर की दीवारें लगाकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। राष्ट्रीय राजधानी की तीन सीमाओं-सिंघू, टिकरी और गाजीपुर पर दंगा-रोधी वर्दी में पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को अत्यधिक संख्या में तैनात किया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि मार्च के मद्देनजर ‘‘कुछ स्थानों’’ पर अस्थायी जेल स्थापित की गई हैं।