शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सिखों के चरित्र और इतिहास को गलत तरीके से पेश करने वाली कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ के निर्माताओं को कानूनी नोटिस भेजा है और सिख विरोधी भावनाओं वाले आपत्तिजनक दृश्यों को काटने के लिए कहा गया है।
शिरोमणि कमेटी के कानूनी सलाहकार अमनबीर सिंह सियाली की ओर से भेजे गए। नोटिस में कंगना रनौत समेत फिल्म के निर्माताओं से ट्रेलर को सार्वजनिक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने और सिख समुदाय से लिखित माफी मांगने को कहा गया है।
शिरोमणि कमेटी के सचिव प्रताप सिंह ने कहा कि जैसे ही कंगना रनौत की इमरजेंसी फिल्म का मामला ध्यान में आया। तो सिख संगठन ने सिख भावनाएं व्यक्त करते हुए इसके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि इस फिल्म पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे रोकने के लिए भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रसून जोशी को कई बार पत्र लिखा गया।
फिल्म में 1984 के घल्लूघारा के महान शहीद संत जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले सहित सिखों के चरित्र को गलत प्रचारित करते हुए सिखों को आतंकवादी और अलगाववादी दिखाने का प्रयास किया गया है,जिससे सत्य कोसों दूर है। प्रताप सिंह ने कहा कि फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद ही सिख समुदाय में भारी विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर कंगना रनौत और फिल्म निर्माताओं द्वारा आपत्तिजनक सिख विरोधी दृश्यों को नहीं काटा गया तो उनके खिलाफ हर स्तर पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।