पंजाब के बिजली एवं लोक निर्माण मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने पंजाब विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन “महात्मा गांधी और डॉ. बी.आर. अंबेडकर का दर्शन: समावेश, समानता और सम्मान” में समकालीन सामाजिक मुद्दों के समाधान में महात्मा गांधी और डॉ. बी.आर. अंबेडकर के दर्शन की प्रासंगिकता पर जोर दिया। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने न्याय, समानता और सम्मान के प्रति गांधी और अंबेडकर के अलग-अलग दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गांधीजी नैतिक परिवर्तन और क्रमिक परिवर्तन के पक्षधर थे, जबकि अंबेडकर संरचनात्मक सुधारों और कानूनी ढांचे पर जोर देते थे। मंत्री महोदय ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में जाति, वर्ग और सामाजिक असमानताओं को दूर करने के लिए इन दर्शनों को समझना महत्वपूर्ण है। उन्होंने विविध समुदायों के बीच समझ और स्वीकृति को बढ़ावा देने तथा हाशिए पर पड़े समूहों के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपायों को कायम रखने के महत्व पर बल दिया।
कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने कहा कि सम्मेलन ने समाज में गांधी और अंबेडकर के दर्शन की प्रासंगिकता पर चर्चा के लिए एक मंच प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और विद्वानों को एक साथ लाते हैं ताकि अधिक न्यायपूर्ण और समावेशी समाज बनाने के तरीकों का पता लगाया जा सके। उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी और डॉ. बी.आर. अंबेडकर की शिक्षाओं को अपनाकर हम एक ऐसे भविष्य का निर्माण कर सकते हैं, जहां समावेशिता, समानता और गरिमा सिर्फ आदर्श न होकर सभी के लिए वास्तविकताएं हों।” यह दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन पंजाब विश्वविद्यालय के गांधीवादी एवं शांति अध्ययन विभाग द्वारा राजनीति विज्ञान विभाग, दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा केंद्र, पंजाब विश्वविद्यालय, मानवाधिकार एवं मूल्य शिक्षा विभाग, डीएवी कॉलेज फॉर गर्ल्स, यमुनानगर और इंटरनेशनल अंबेडकराइट्स नेटवर्क के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इस मौके पर प्रोफेसर रौनकी राम, प्रोफेसर हर्ष गंधार, प्रोफेसर ई. नाहर, डॉ. आशु पसरीचा, प्रोफेसर केसी अग्निहोत्री और प्रोफेसर नमिता गुप्ता मौजूद रहे।