चंडीगढ़: पंजाब पुलिस के एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने फर्जी दस्तावेजों पर गैंगस्टरों तथा अपराधियों के पासपोर्ट बनवाने और उन्हें उपलब्ध कराने के धंधे में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान ओंकार सिंह, सुखजिंदर सिंह और प्रभजोत सिंह के रूप में हुई है जो उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के रहने वाले हैं।
पुलिस ने उनके पास से कम से कम नौ पासपोर्ट जब्त किए हैं। साथ ही फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाए गए कई भगोड़ा गैंस्टरों के पासपोर्ट की फोटोकॉपी भी मिली है। डीजीपी यादव ने बताया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाने ेवाले अंतर-राज्यीय ट्रेवल एजेंटों के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी। एडीजीपी प्रमोद बान के नेतृत्व में एजीटीएफ की टीम ने एआईजी संदीप गोयल के सहयोग से रात भर चले ऑपरेशन में गैंग का भंडाफोड़ किया।
उन्होंने कहा, जांच में पता चला कि गैंग के दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात और महाराष्ट्र में लिंक थे। उसने कई गैंगस्टरों और अपराधियों के पासपोर्ट बनवाकर देश छोड़कर भागने में उनकी मदद की थी। डीजीपी ने बताया कि गैंग से जुड़े पांच और लोगों की पहचान की गई है तथा पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करने के लिए जांच की जा रही है।
आरंभिक जांच में आरोपी प्रभजोत सिंह ने बताया कि उसका सहयोगी चरणजीत सिंह, जिसे दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, ने फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल कर गैंगस्टर दीपक बॉक्सर का पासपोर्ट बनवाया था जिसे हाल ही में मैक्सिको से देश लाया गया है। एक अन्य आरोपी सुखजिंदर सिंह ने बताया कि उसने अजनाला के दीपिंदर सिंह उर्फ दीपू का फर्जी दस्तावेज के आधार पर पासपोर्ट बनवाया था, जिसका आपराधिक रिकॉर्ड है और वह भगोड़ा गैंगस्टर हैरी चठा का सहयोगी है।