चाहे घर की गतिविधि हो या फिर बाहर की, हर काम में हाथों का ही इस्तेमाल होता है। ऐसे में भले ही हम सोचें कि हम ने तो किसी गंदी चीज को हाथ नहीं लगाया फिर भी हाथ क्यों धोने हैं, तो आप को बता दें कि रोगाणु और बैक्टीरिया ऐसे होते हैं, जिन्हें हम देख नहीं पाते, लेकिन वो हमारे हाथों में हर समय रहते हैं और जब हम अनजाने में ही इन हाथों से अपने चेहरे, नाक, मुंह को टच कर लेते हैं तब संक्रिमत होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
क्या है ये हैंड सैनिटाइजर्स: हैंड सैनिटाइजर में क्लोरहेक्सिडाइन और इथेनॉल जैसे रासायनिक तत्व होते हैं, जो वायरस और बैक्टीरिया की बाहरी सतह यानी प्रोटीन लेयर पर हमला करते हैं। हर जगह सोप से हाथ धोना संभव नहीं होता। ऐसे में हैंड सैनिटाइजर आप को संक्र मण फैलाने वाले वायरस से हर जगह सुरक्षा देता है। बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी ज्यादातर बच्चे जुकाम खांसी के चलते स्कूल में अनुपिस्थति रहते हैं। बच्चे बैक्टीरिया और वायरस से फैलने वाले संक्र मण से जल्दी प्रभावित होते हैं इसलिए उन्हें हैंड सैनिटाइजर और हाथों को साफ रखने का मह्त्व समझाना बहुत जरूरी है। सेंटर्स फौर डिजीज कंट्रोल के अनुसार जब भी आप खाना बनाएं, कूडे को हाथ लगाएं, पालतू जानवरों को खाना खिलाएं तब खासतौर पर हाथों को साफ करें, क्योंकि आप की एक छोटी सी लापरवाही से आप के साथ-साथ आप के परिवार को भी इंफैक्शन हो सकता है।
बड़े ग्रुप में जर्म्स को स्प्रैड होने से रोके: मीटिंग में हो या फिर क्लास रूम में या फिर शौपिंग प्लेस पर, सब जगह भीड़-भाड़ ही होती है। ऐसे में हम अपने मूवमैंट को तो नहीं रोक सकते लेकिन बड़ी आसानी से रोगाणु को फैलाव होने से रोक सकते हैं, वह भी हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल से। इस से आप भय रिहत माहौल में काम भी कर पाएंगे, क्योंकि कहीं पर भी टच होने पर हैंड सैनिटाइजर से हाथों को साफ करने का विकल्प जो है आप के पास।
सैनिटाइजर का इस्तेमाल कैसे करें: भले ही आप कितना भी अच्छा सैनिटाइजर क्यों न इस्तेमाल कर लें, लेकिन अगर उसे लगाने का तरीका ठीक नहीं होगा तो वह उतना असर नहीं दिखा पाएगा, जितना दिखाना चाहिए। ऐसे में जब आप हैंड सैनिटाइजर को हाथों पर अप्लाई करें तो सब से पहले एक हाथ की हथेली पर अप्लाई कर के उसे अच्छे से दोनों हाथों में लगाते हुए उंगलियों के बीच में भी तब तक अप्लाई करें जब तक वह ड्राई न हो जाए। अमेरिकन कैमिकल सोसाइटी का कहना है कि हाथों का साफ होना या नहीं होना इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप के हाथ कितने गंदे हैं। अगर हाथों में चिपचिपाहट है तब सैनीटाइजर नहीं बल्कि साबुन कारगर होता है, क्योंकि सैनिटाइजर से ग्रीसी गंदगी साफ नहीं होती है इसलिए हाथों को सही तरीके से सैनिटाइज करना भी बहुत जरूरी होता है।