जालंधर के डीसी ने बताया कि भारी बारिश के कारण जिले में विभिन्न स्थानों पर जलस्रोतों की स्थिति खराब होने के बाद इन जड़ों पर मस्सों के लार्वा पैदा होने का खतरा बढ़ गया है और इस कारण कुछ जगहों पर डेंगू के मरीज मिलने के मामले भी सामने आये हैं. ऐसे में यह बेहद जरूरी हो जाता है कि डेंगू के मरीजों के बेहतर इलाज के साथ-साथ साफ-सफाई के उच्च मानकों को भी जमीनी स्तर पर लागू किया जाए. क्योंकि उचित और सटीक जागरूकता से ही डेंगू के मामलों को नियंत्रित किया जा सकता है।
इस समय शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आम लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करते हुए मंत्रों के स्कॉटिश प्रजनन स्थलों के बारे में जानकारी दी जाए और इसके साथ ही स्थानीय निकाय विभाग और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को भी ऐसा करने का निर्देश दिया गया है. उनके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में फॉगिंग कराई जाती है ताकि बीमारी को फैलने से पहले ही रोका जा सके।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे डेंगू के मरीजों को सर्वोत्तम उपचार प्रदान करें और यह भी सुनिश्चित करें कि इस बीमारी के उपचार में उपयोग की जाने वाली दवाएं और ब्लड बैंक में उपलब्ध ब्लड प्लेटलेट्स की भी व्यवस्था की जाए। इन निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाये।