नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर झूठे आरोप लगाने और नफरत फैलाने वाले भाषण देने के लिए कुछ पहलवानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किये जाने की मांग को लेकर पेश शिकायत पर सुनवाई शुक्रवार को आगामी छह अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अनामिका ने याचिकाकर्ता के अनुरोध के अनुसार स्थगन का फैसला किया। मजिस्ट्रेट ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील ने सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत आवेदन पर बहस करने के लिए कुछ समय देने का अनुरोध किया है। इस मामले पर अब छह अक्टूबर को सुनवाई होगी।
गत 25 मई को इस मामले में पहलवानों के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 156 (3) और 200 के तहत नयी शिकायत दर्ज की गई थी। अदालत के निर्देश के अनुसार एक कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) जारी की गई है। दिल्ली पुलिस की ओर से नौ जून को न्यायपालिका के समक्ष दायर किया गया था। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि शिकायतकर्ता द्वारा उपलब्ध कराए गए वीडियो में पहलवान नारे लगाते नहीं दिख रहे हैं और अभद्र भाषा का कोई अपराध नहीं बनता है। पुलिस ने आवेदन खारिज करने का अनुरोध किया। शिकायतकर्ता बम बम महाराज नौहटिया ने आरोप लगाया है कि पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक ने बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ झूठे आरोप लगाए और नफरत फैलाने वाले भाषण दिये।