पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान के दौरान 35,000 रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में सिविल सर्जन कार्यालय, पठानकोट में तैनात रहे क्लर्क राजविंदर सिंह (अब सेवानिवृत्त) को गिरफ्तार किया है। राज्य सतर्कता ब्यूरो के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि उक्त क्लर्क को मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन पर ओंकार नगर, पठानकोट निवासी सतनाम सिंह द्वारा दर्ज की गई एक ऑनलाइन शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि उक्त क्लर्क ने उसके 3,13,486 रुपये के मेडिकल बिल पास करने के बदले में 35,000 रुपये की रिश्वत ली थी। प्रवक्ता ने बताया कि शिकायत की जांच के दौरान यह पाया गया कि उक्त क्लर्क ने निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पंजाब द्वारा जारी फर्जी अनुमोदन पत्र बनाकर शिकायतकर्ता से 35,000 रुपये की रिश्वत ली थी।
यह भी पता चला है कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने ऐसे 16 फर्जी अनुमोदन पत्र बनाकर सरकारी खजाने को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में विजिलेंस ब्यूरो की अमृतसर रेंज में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि उक्त आरोपी को कल अदालत में पेश किया जाएगा और इस मामले की आगे की जांच जारी है।