दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान मनजीत सिंह जीके ने अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से तख्त श्री दमदमा साहिब में बंद कमरा मुलाकात की। मीडिया से बातचीत करते हुए मनजीत सिंह जीके ने कहा जो पंजाब के हालात है उसका असर पंजाब से बाहर रहते सिखों पर पड़ रहा है महाराष्ट्र में सिखों के घरों में पुलिस छापेमारी कर रही है। जिस मुद्दे को मैंने आज जत्थेदार साहब के पास उठाया है। जो तलवार को रखने का हमने संविधानिक हक मिला है लेकिन पुलिस उसे खतरनाक हथियार बताकर उनके ऊपर मामले दर्ज किए जा रहे हैं अगर हम पंजाब के पानी या फिर बेरोजगारी की बात करते हैं तो उनको खालस्तान से जोड़ा जाता है।
मैंने जत्थेदार साहब से विनती की है कि पंजाब से बाहर रहते सिखों का ध्यान रखा जाए। अमृतपाल वाले मामले पर बोलते हुए जीके ने कहा सरबत खालसा बुलाना यह फैसला जत्थेदार साहिब का है मैं इसमें ज्यादा कुछ नहीं कह सकता। अमृतपाल को गिरफ्तार करना था तो पुलिस उनको घर से गिरफ्तार कर सकती थी इस मामले को लेकर पंजाब सरकार बेवजा हाइप क्रेट की जा रही है। जो भी सरकार ने की है अमृतपाल मामले में वह गलत किया है 2024 मैं आने वाले चुनाव को लेकर देखा जा रहा है।
मुझे भी लगता है कि अमृतपाल को सरेंडर कर देना चाहिए था जैसे के जत्थेदार साहब भी कह रहे हैं उनको सरेंडर करना चाहिए था। अमृतपाल ने कोई कत्ल नहीं किया था ना ही उनके खिलाफ कोई बड़ा मामला दर्ज था। मेरा मानना है सरबत खालसा ऐसे नहीं बुलाया जा सकता उनकी भी एक मर्यादा है, वह क्या कहती है उनको देखना होगा। 200000 आदमी इकट्ठा कर हम सरबत खालसा नहीं बुला सकते। हमें सभी जते बंदी और संस्थानों को इकट्ठा करना होगा। उसके बाद कोई फैसला होगा वह जत्थेदार साहब देख रहे हैं कि कब बुलाना चाहिए। दरबार साहिब के बाहर पुलिस लगा दी अगर अमृतपाल सरेंडरकरता है तो आपको हर्ज ही क्या है पंजाब का माहौल खराब किया जा रहा है।