जिला प्रशासन द्वारा पोस्ट मैट्रिक योजना के तहत बकाया जमा न होने पर शिक्षण संस्थानों द्वारा अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों की डिग्री रोकने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिल प्रशासकीय कांप्लेक्स में बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (शहरी विकास) जसबीर सिंह ने कहा कि पोस्ट मैट्रिक स्कीम के नाम पर किसी विद्यार्थी को परीक्षा देने से रोकना या डिग्री रोकना किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह योजना इसलिए शुरू की गई है ताकि कमजोर वर्ग के छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर राज्य के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान दे सकें।
उन्होंने कहा कि इस योजना के नाम पर छात्रों को बिना कारण परेशान करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार शैक्षणिक संस्थानों के सक्रिय सहयोग से इस योजना को लागू करने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य आरक्षित वर्ग के छात्रों की मदद करना है ताकि वे अपनी ग्रेजुएट और मास्टर डिग्री पूरी कर सकें। उन्होंने कॉलेज प्रतिनिधियों से कहा कि वे अपने-अपने संस्थानों में हेल्प डेस्क स्थापित करें ताकि इस योजना के लाभार्थियों को कोई कठिनाई होने पर वे उनसे संपर्क कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि कॉलेजों को पोस्ट मैट्रिक योजना और दिशा-निर्देशों के संबंध में नोटिस बोर्ड भी लगाना चाहिए।
बैठक के दौरान अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ने कॉलेज प्रबंधन द्वारा उठाए गए मुद्दों को भी सुना और उन्हें सक्षम अथॉरिटी के समक्ष उठाने का आश्वासन दिया।