पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2022 में तीसरा रैंक हुआ प्राप्त

बठिंडा: पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा (सीयूपीबी) ने राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2022 की विभिन्न श्रेणियों में से एक ‘कैंपस उपयोग के लिए सर्वश्रेष्ठ संस्थान’ श्रेणी में देश भर में तीसरा रैंक प्राप्त करके विजेताओं की सूची में शामिल होने का गौरव हासिल किया है। राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2022 जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग द्वारा प्रदान किए जाते हैं। हाल ही में मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2022 के विजेताओं के नाम घोषित किए गए हैं। इस जानकारी से संबंधित जल शक्ति मंत्रालय का पत्र हाल ही में पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राघवेंद्र पी. तिवारी को प्राप्त हुआ है। इस पत्र के अनुसार, इस पुरस्कार के विजेता के रूप में पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय को ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र के साथ नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। जल शक्ति मंत्रालय आगामी समय में आयोजित होने वाले जल पुरस्कार 2022 समारोह के दौरान सभी विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करेगा।

राष्ट्रीय जल पुरस्कार (एनडब्ल्यूए), सरकार की ‘जल समृद्ध भारत’ की परिकल्पना को पूरा करने के काम में देश भर में राज्यों, जिलों, संगठनों, व्यक्तियों आदि द्वारा किए गए अनुकरणीय कार्यों और प्रयासों की पहचान करने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए दिए जाते हैं। इसका उद्देश्य जनता को पानी के महत्व के बारे में जागरूक करना और उन्हें सर्वोत्तम जल उपयोग प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करना है।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने इस उपलब्धि के लिए सीयूपीबी परिवार को बधाई दी। उन्होंने डॉ. सुनील मित्तल (डीन, पर्यावरण और पृथ्वी विज्ञान विद्यापीठ), डॉ. जे.के. पटनायक (विभागाध्यक्ष, भूविज्ञान विभाग), डॉ. पी.के. साहू (पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग), प्रो. संजीव ठाकुर (वनस्पति विज्ञान विभाग), इंजीनियर सौरभ गुप्ता (कार्यकारी अभियंता), और इंजीनियर पुनीत (कनिष्ठ अभियंता) की विश्वविद्यालय में जल संसाधनों के प्रभावी प्रबंधन में योगदान देने और मंत्रालय को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए सराहना की।

माननीय कुलपति प्रो. राघवेंद्र पी. तिवारी ने बताया कि पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय में जल संसाधन संरक्षण, प्रबंधन और परिसर में पानी के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं हैं। विश्वविद्यालय के पास सीवरेज के पानी के पुन: उपयोग, वर्षा जल संचयन, ड्रिप सिंचाई और जल के कुशल उपयोग के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध है। प्रो. तिवारी ने कहा कि सीयूपीबी प्रशासन पानी की हर बूंद को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है क्योंकि हमारा विश्वविद्यालय पंजाब में कम पानी वाले क्षेत्र में अवस्थित है। कुलपति प्रो. राघवेन्द्र पी. तिवारी ने कहा कि इस उपलब्धि ने विश्वविद्यालय के सभी हितधारकों को पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय को भारत में एक आदर्श संस्थान बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है, जहां सभी जल संसाधनों का वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन किया जाएगा

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