वाशिंगटन: अंतरिक्ष में एक चांद है, जिसकी खूबसूरती और शीतलता की हर कोई तारीफ करता है। अब एक नया चांद मिला है। नासा ने इसका खुलासा किया है। इस नए चांद को नासा ने ‘क्वासी-मून यानी अर्ध-चंद्रमा’ नाम दिया है। इसकी खासियत ये है कि पृथ्वी और सूर्य दोनों का ही चक्कर लगाता है। इसको लेकर नासा के वैज्ञानिकों ने कई अहम खुलासे किए हैं। नए चांद की पहली झलक 28 मार्च 2023 को देखने को मिली थी। तब वैज्ञानिकों ने इसे पैनस्टार्स टैलीस्कोप से देखा था। इसी के बाद से इस पर वैज्ञानिकों ने अध्ययन शुरू कर दिया। अब जाकर इसकी पुष्टि हुई है। इसका नाम इंटरनैशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन के माइनर प्लैनेट सैंटर की सूची में दर्ज किया गया है। अध्ययन में पता चला है कि ये पृथ्वी और सूर्य दोनों का ही चक्कर लगाता है। हालांकि, सूर्य के गुरुत्वाकर्षण के चलते ये सूर्य की ओर खिंचा रहता है।
क्या है ये नया चांद?
नासा के मुताबिक, क्वासी मून एक तरह का स्पेस रॉक है। इसका डायमीटर (व्यास) 30- 50 फुट हो सकता है। ये हमारे चंद्रमा के व्यास का एक छोटा सा अंश है। ये 2100 साल (100बीसी) से पृथ्वी के आसपास ही मौजूद था अब इसकी पहचान हुई है। ये अगले 1500 साल यानी एडी3700 तक पृथ्वी का चक्कर लगाएगा। इसके बाद ये पृथ्वी की कक्षा छोड़ देगा। इससे पृथ्वी को कोई खतरा नहीं होगा। 2023 एफडब्ल्यू13 सूर्य के चारों ओर उतने ही समय में चक्कर लगाता है जितने समय में (365 दिन) पृथ्वी लगाती है, साथ ही ये पृथ्वी के चारों ओर भी चक्कर लगाता है। नासा के अनुसार, क्वासी-मून को क्वासी-सैटेलाइट भी कहा जाता है। ये चंद्रमा की तरह ही पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं। हालांकि, पृथ्वी की जगह सूर्य के गुरुत्वाकर्षण से बंधे होते हैं। इसलिए इन्हें क्वासी कहा गया है। वहीं, चांद पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बंधा होता है।
पुराने चांद से नया कितना अलग?
नासा ने इसको लेकर भी एक रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार, नया चांद पृथ्वी के ‘हिल स्फीयर’ के बाहर चक्कर लगता है। मतलब उस जगह नहीं चक्कर लगाता है जहां ग्रह का गुरुत्वाकर्षण बल सबसे ज्यादा ताकतवर होता है। इसी बल के कारण उपग्रह, ग्रह की ओर खिचते हैं। पृथ्वी के ‘हिल स्फीयर’ का रेडियस (त्रिज्या) 1.5 मिलियन किलोमीटर है, जबकि 2023 एफडब्ल्यू13 का रेडियस इससे बड़ा यानी 1.6 मिलियन किलोमीटर है। वहीं, हमारे चंद्रमा के ‘हिल स्फीयर’ का रेडियस सिर्फ 60 हजार किलोमीटर है। यह स्पेस रॉक जिस आर्बिट में है उसके आधे रास्ते में मंगल ग्रह और आधे रास्ते में शुक्र ग्रह है।
800 रहस्यमयी घटनाएं हुई, नासा ने पैनल का गठन किया
एक तरफ नए चांद की खोज हुई है तो दूसरी ओर यूएओ की जांच कर रहे नासा के एक पैनल ने लगभग 800 रहस्यमयी घटनाएं दर्ज की हैं। इन घटनाओं को यूएपी माना जाता है जिन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विमान या ज्ञात प्राकृतिक घटनाओं के रूप में नहीं पहचाना जा सकता। यह पैनल इस साल एक रिपोर्ट जारी करेगा। बुधवार को इसकी पहली सार्वजनिक बैठक हुई।