एक शोध से यह सामने आया है कि मधुमेह में स्वास्थ्य संबंधित स्थितियों के सा थ रेटिना पर कोलेस्ट्रॉल जमा हो सकता है जिससे मरीज की दृष्टि प्रभावित हो सकती है, जिसे रेटिनोपैथी कहा जाता है। डायबिटिक रेटिनोपैथी मधुमेह की एक गंभीर दृष्टि-घातक जटिलता है जिससे दृष्टि हानि के साथ अंधापन भी आ सकता है। अमरीका में मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी की एक टीम के नेतृत्व में किए गए अध्ययन से पता चला है कि जमा हुआ कोलेस्ट्रॉल रेटिना की छवियों में देखा जा सकता हैं।
गैरइनवेसिव रेटिना का मूल्यांकन अधिकांश आप्टोमेट्रिस्ट द्वारा किया जा सकता है, जिससे अधिक लोगों के लिए निदान का अवसर पैदा होता है। फिजियोलॉजी के एमएसयू प्रोफैसर एमेरिटस जूलिया बुसिक ने कहा, ‘रेटिनोपैथी अंधेपन का प्रमुख कारण है और यह टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह की सबसे खतरनाक जटिलताओं में से एक है।’ ‘मधुमेह विकसित होने के 20 वर्षों के भीतर टाइप 1 या टाइप 2 मधुमेह वाले प्रत्येक व्यक्ति में कुछ हद तक रेटिनोपैथी होगी। वर्तमान में यह बहुत आक्रामक है। रेटिनोपैथी का अंतिम चरण पर ही पता चल पाता है।’
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि ये कोलेस्ट्रॉल क्रिस्टल एथेरोस्क्लोरोटिक प्लाक में पाए जाने वाले क्रिस्टल की तरह होते हैं जो धमनियों में बन सकते हैं और दिल के दौरे का कारण बन सकते हैं। एमएसयू डिवीजन आॅफ कार्डियोलॉजी के प्रमुख जॉर्ज अबेला ने टीम को स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी के लिए रेटिना टिशू तैयार करके रेटिना को स्कैन करने के तरीकों की पहचान करने में मदद की। इससे शोधकर्ताओं को क्रिस्टल की संरचना का विश्लेषण करने में भी मदद मिलती है, जो आमतौर पर तब होता है जब एक ही स्थान पर बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल होता है।