अमृतसर: ‘आनंद कारज’ को लेकर अकाल तख्त साहिब की तरफ से बड़ी खबर सामने आई है। अकाल तख्त ने गरिमा के उल्लंघन का हवाला देते हुए सोमवार को रिसॉर्ट्स और समुद्र तटों पर ‘आनंद कारज’ के लिए शादियों में श्री गुरु ग्रंथ साहिब ग्रंथों को ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया। सिख रीति-रिवाजों के अनुसार समारोह आयोजित करने के लिए गुरु ग्रंथ साहिब के ‘सरूप’ (ग्रंथ) गुरुद्वारों से विवाह स्थलों पर लाए जाते हैं।
अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की अध्यक्षता में पंज सिंह साहिबानों ने रिसॉर्ट्स और समुद्र तटों पर ‘आनंद कारज’ पर प्रतिबंध लगाने का यह निर्णय लिया। ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा, “सिख समुदाय द्वारा भेजी गई शिकायतों के अनुसार, कुछ लोग समुद्र तटों या रिसॉर्ट्स पर गुरु ग्रंथ साहिब को स्थापित करके ‘आनंद कारज’ आयोजित करके ‘मर्यादा’ का उल्लंघन करते हैं। पंज सिंह साहिबान के संकल्प के अनुसार, इन स्थानों पर गुरु ग्रंथ साहिब की स्थापना के साथ ‘आनंद कारज’ आयोजित करने पर प्रतिबंध है।” इससे पहले अकाल तख्त ने ‘आनंद कारज’ के लिए मैरिज पैलेसों, बैंक्वेट हॉल और होटलों में ‘सरूप’ लाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।