किसान नेताओं ने केंद्र का प्रस्ताव किया खारिज, कल दिल्ली कूच करने का ऐलान

‘दिल्ली चलो’ आंदोलन में भाग ले रहे किसान नेताओं ने सरकारी एजैंसियों द्वारा 5 साल तक दाल, मक्का और कपास की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर किए जाने के केंद्र के प्रस्ताव को सोमवार को खारिज करते हुए कहा कि यह किसानों के हित में नहीं है तथा बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी कूच करने का ऐलान किया। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, ‘हम सरकार से अपील करते हैं कि या तो हमारे मुद्दों का समाधान किया जाए या अवरोधक हटाकर हमें शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली जाने की अनुमति दी जाए।’

किसानों के साथ वार्ता के बाद, 3 केंद्रीय मंत्रियों की एक समिति ने दाल, मक्का और कपास सरकारी एजैंसियों द्वारा एमएसपी पर खरीदने के लिए 5 वर्षीय समझौते का प्रस्ताव दिया था। 3 केंद्रीय मंत्रियों-पीयूष गोयल, अजरुन मुंडा और नित्यानंद राय की समिति ने रविवार को चंडीगढ़ में चौथे दौर की वार्ता के दौरान किसानों के समक्ष यह प्रस्ताव रखा था। इससे पहले, 2020-21 में किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सरकार के प्रस्ताव को सोमवार को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसमें किसानों की एमएसपी की मांग को ‘भटकाने और कमजोर करने’ की कोशिश की गई है और वे स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में अनुशंसित एमएसपी के लिए ‘सी2 प्लस 50 प्रतिशत’ फामरूला से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे। बाद में, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, ‘हमारे 2 मंचों पर (केंद्र के प्रस्ताव पर) चर्चा करने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि केंद्र का प्रस्ताव किसानों के हित में नहीं है और हम इस प्रस्ताव को अस्वीकार करते हैं।’

यह पूछे जाने पर कि क्या ‘दिल्ली मार्च’ का उनका आह्वान अभी भी बरकरार है, पंधेर ने कहा, ‘हम 21 फरवरी को सुबह 11 बजे दिल्ली के लिए शांतिपूर्वक कूच करेंगे।’ किसानों के साथ रविवार रात चौथे दौर की बातचीत के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ जैसी सहकारी समितियां ‘अरहर दाल’, ‘उड़द दाल’, ‘मसूर दाल’ या मक्का का उत्पादन करने वाले किसानों के साथ एक अनुबंध करेंगी ताकि उनकी फसल को अगले 5 साल तक एमएसपी पर खरीदा जाए।’ उन्होंने कहा था, ‘खरीद की मात्र की कोई सीमा नहीं होगी और इसके लिए एक पोर्टल विकसित किया जाएगा।’ गोयल ने यह भी प्रस्ताव दिया था कि भारतीय कपास निगम उनके साथ कानूनी समझौता करने के बाद 5 साल तक किसानों से एमएसपी पर कपास खरीदेगा।

फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च को सुरक्षा बलों द्वारा रोक दिए जाने के बाद प्रदर्शनकारी किसान हरियाणा-पंजाब की सीमा पर स्थित शंभु बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। पिछले सप्ताह किसानों की सुरक्षा बलों के साथ झड़पें हुई थीं। किसान एमएसपी की कानूनी गारंटी के अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पैंशन, कृषि ऋण माफी, बिजली दरों में कोई बढ़ौतरी नहीं करने, पुलिस मामलों को वापस लेने, 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसी के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की बहाली और 2020-21 के आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।

हरियाणा ने 7 जिलों में मोबाइल इंटरनैट सेवा पर पाबंदी 20 फरवरी तक बढ़ाई
चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर 7 जिलों में मोबाइल इंटरनैट सेवा एवं एक साथ काफी संख्या में ‘एसएमएस’ भेजने पर लगी पाबंदी सोमवार को और एक दिन के लिए बढ़ा दी। राज्य सरकार ने एक आदेश में कहा कि ये सात जिले अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा हैं। इसने इससे पहले, 13, 15 और 17 फरवरी को मोबाइल इंटरनैट सेवाओं के निलंबन की अवधि को बढ़ाया था।

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