07/27/2024 9:21 AM

मुख्यमंत्री मान के लिए लोकसभा चुनाव एक कड़ी परीक्षा,कांग्रेस पिछला प्रदर्शन दोहराना चाहेगे

 पंजाब में लोकसभा चुनाव आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एवं मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के लिए एक कड़ी परीक्षा के समान होगा जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पिछले लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को दोहराना चाहेगी। ‘आप’ और कांग्रेस वैसे तो विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नैशनल डिवैल्पमैंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) में शामिल हैं लेकिन पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीट पर ये दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के साथ फिर से गठबंधन नहीं कर पाई है। पंजाब में 1 जून को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होगा। कांग्रेस ने 2019 में पंजाब की 13 लोकसभा सीट में से 8 पर जीत हासिल की थी। शिअद और भाजपा ने तब गठबंधन में चुनाव लड़ते हुए 2-2 सीट जीती थीं। ‘आप’ ने पंजाब में 2022 के विधानसभा चुनाव में 117 में से 92 सीट जीतकर जबरदस्त प्रदर्शन किया था और अब उसकी नजर ज्यादा से ज्यादा लोकसभा सीट पर जीत हासिल करने पर है।

‘आप’ का विश्वास, 13-0 के परिणाम के साथ चुनाव जीतेंग
यह चुनाव मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के लिए एक परीक्षा की तरह होगा। मान ने विश्वास जताया है कि ‘आप’ पंजाब में 13-0 के परिणाम के साथ चुनाव जीतेगी। ‘आप’ को कानून-व्यवस्था, मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध रेत खनन और महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपए प्रदान करने के प्रमुख वादे को अभी तक पूरा नहीं करने जैसे मुद्दों पर विपक्षी दलों की आलोचना का सामना करना पड़ सकता है।

चुनाव की घोषणा से पहले, भाजपा और अकाली दल द्वारा फिर से गठबंधन किए जाने की अटकलें थी। शिअद केंद्र द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को लेकर गठबंधन से बाहर चला गया था। पंजाब किसान यूनियनों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी के लिए पिछले महीने एक नया आंदोलन शुरू किया था। उनके ‘दिल्ली चलो’ मार्च को हरियाणा सीमा पर रोक दिया गया है। लेकिन, विरोध अभी भी जारी है।

पंजाब में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अपनी पिछली सीट संख्या बरकरार रखना चाहेगी। लेकिन, पिछले विधानसभा चुनाव की तरह, पार्टी को अपने ही खेमे में अंदरूनी कलह की चुनौती से जूझना पड़ रहा है। कांग्रेस की राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्य नेतृत्व से परामर्श किए बिना अपने दम पर रैलियां करना शुरू कर दिया है और पार्टी के कुछ नेताओं ने पूर्व क्रिकेटर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है।