टीबी से पीड़ित और स्टेज-4 पेट के कैंसर से जूझ रहे 54 वर्षीय मरीज का सीके बिरला अस्पताल में हुया सफल इलाज

गुरुग्राम (EN) अपने इनोवेटिव और व्यापक दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध सीके बिरला अस्पताल गुरुग्राम ने पेट के कैंसर की स्टेज 4 से पीड़ित 54 वर्षीय मरीज संजीव गुप्ता का सफल इलाज किया है. मरीज को कैंसर के साथ टीबी भी थी. संजीव गुप्ता जून 2023 में सीके बिरला अस्पताल आए थे. उन्हें पेट में समस्या थी, लोअर लिम्ब में सूजन थी, पेट में दर्द था और 10-15 किलो वजन गिर गया था. गहन जांच की गई तो पेट का मेटास्टेटिक एडेनोकार्सिनोमा डायग्नोज हुआ. संजीव गुप्ता की कंडीशन गंभीर थी क्योंकि कैंसर उनके लिवर, ओमेंटम और मीडियास्टिनम तक फैल चुका था. कई अस्पतालों में दिखाने के बाद जब हालात में सुधार नहीं हुआ तब संजीव गुप्ता की फैमिली ने बड़ी उम्मीद के साथ सीके बिरला अस्पताल का रुख किया. सीके बिरला अस्पताल में मशहूर कंसलटेंट मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर पूजा बब्बर ने संजीव गुप्ता के ट्रीटमेंट को लीड किया. क्वालिटी लाइफ प्रदान करने और सर्वाइवल पर फोकस करते हुए डॉक्टर पूजा बब्बर ने एक मल्टी डिसीप्लिनरी अप्रोच के साथ इलाज किया. सटीक ऑन्कोलॉजी के महत्व को समझते हुए डॉक्टर बब्बर ने संजीव गुप्ता के कैंसर की प्रगति को चलाने वाले जेनेटिक अल्टरेशन की पहचान करने के लिए मॉलिक्यूलर टेस्ट किए. शुरुआत में संजीव गुप्ता की कीमोथेरेपी की गई, फिर मॉलिक्यूलर टेस्टिंग के बाद जीन म्यूटेशन की पहचान करके टारगेटेड थेरेपी की गई. इस थेरेपी से मरीज के लक्षणों में काफी सुधार आया और उनकी सेहत भी बेहतर हुई. हालांकि, इलाज के बीच में कुछ अप्रत्याशित मुश्किलें भी आईं क्योंकि मरीज का वजन घटने लगा, तेज बुखार होने लगा, लगातार खांसी और सांस फूलने होने लगी. डॉक्टर पूजा को कैंसर जैसा कुछ शक हुआ जिसके बाद उन्होंने पल्मोनरी फिजिशियन डॉक्टर कुलदीप कुमार ग्रोवर के साथ कंसल्ट किया. बाद में मरीज को टीबी डायग्नोज हुआ. कीमोथेरेपी में टीबी एक बड़ी बाधा थी. इसके बावजूद टीबी के इलाज के दौरान भी संजीव गुप्ता की सेहत में लगातार सुधार हुआ. टीबी की इलाज होने पर जब पीईटी-सीटी स्कैन कराया गया तो संजीव गुप्ता पेट के कैंसर से पूरी तरह से मुक्त हो चुके थे. ये रिजल्ट टीबी ट्रीटमेंट के साथ टारगेटेड थेरेपी के प्रभाव को दर्शाता है. डॉक्टर पूजा बब्बर ने संजीव गुप्ता के इलाज के बारे में विस्तार से बताया, जिसमें टीबी मेडिकेशन के साथ-साथ टारगेटेड थेरेपी की बात पर जोर दिया. टारगेटेड थेरेपी के ज्यादा प्रभावशाली होने और आमतौर पर कीमोथेरेपी से जुड़े प्रतिकूल प्रभावों से रहित होने के कारण संजीव गुप्ता ने बेहतर तरीके से रिकवरी की. उन्होंने 15 किलोग्राम वजन वापस पा लिया, उपचार के दौरान खोए हुए अपने बाल वापस पा लिए और टारगेटेड थेरेपी के साइड इफेक्ट भी जीरो रहे.

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