पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने किसानों के दिल्ली कूच को रोकने के लिए 6 माह पहले बंद किए गए शंभू बॉर्डर को एक सप्ताह के खोलने का आदेश दिया है। इस फैसले की सभी सराहना कर रहे हैं। उच्च न्यायालय के इस फैसले से सबसे ज्यादा खुश शंभू बॉर्डर के आसपास के गांवों और अंबाला के व्यापारी, कारोबारी, दुकानदार व अन्य लोग भी हैं। क्योंकि सबसे ज्यादा परेशानी इन्हीं लोगों को झेलनी पड़ रही थी। अदालत के आदेश के बाद सभी लोगों ने राहत की सांस ली है। शंभू बॉर्डर को खुलवाने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने वाले पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य हैं। हालांकि उनके साथ 3 याचिकाकर्ता और भी थे।
एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य का कहना है कि उन्होंने लोगों की परेशानी को अपनी आंखों से देखा है। जब से शंभू बॉर्डर किसानों की तरफ से बंद किया गया है, तब से लोग मुश्किलें झेल रहे थे। एडवोकेट वासु रंजन हरियाणा के अंबाला से आते हैं। इसलिए वहां की समस्या उनके लिए सर्वप्रथम है। वासु रंजन ने कहा कि अब मेरा अगला लक्ष्य खनौरी बॉर्डर को खुलवाना है। उन्होंने कहा मैं पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय का आभारी हूं और मैं किसानों से शंभू बॉर्डर को खाली करने की अपील करता हूं। वासु रंजन ने कहा कि 6 महीने से नेशनल हाईवे 44 बंद पड़ा है। यह हाईवे दिल्ली से जम्मू तक लोगों की लाइफ लाइन है। शंभू बॉर्डर बंद होने से अंबाला के दुकानदार, व्यापारी, छोटे बड़े रेहड़ी फड़ी वाले भुखमरी की कगार पर आ गए थे। अंबाला के कपड़ा व्यापारियों के पास अपने कामगारों के पास वेतन देने के पैसे तक नहीं हैं। क्योंकि उनका व्यापार पूरी तरह से ठप पड़ा है।