पंजाब में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट भूमि अधिग्रहण के कारण अटके हुए हैं। इसके चलते NHAI को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले की सुनवाई आज पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में होगी।
पंजाब सरकार हलफनामा दाखिल कर प्रोजेक्ट में हो रही देरी के बारे में बताएगी, क्योंकि यह समस्या पिछले एक साल से चल रही है। हालांकि, NHAI ने स्पष्ट किया है कि जमीन के लिए करोड़ों रुपए जमा करवाने के बाद भी अभी तक कब्जा नहीं दिया गया है। इसके चलते ठेके भी रद्द किए जा रहे हैं।
ये प्रोजेक्ट हुए प्रभावित:
NHAI ने अपनी याचिका में भारत माला प्रोजेक्ट के तहत मेमदपुर (अंबाला)-बनूर, आईटी सिटी चौक बनूर से खरड़ चंडीगढ़ एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को चुनौती दी थी। कोर्ट में यह भी बताया गया कि जमीन न मिलने के कारण दिल्ली कटरा एक्सप्रेसवे, लुधियाना-रूपनगर से खरड़ हाईवे और लुधियाना बठिंडा हाईवे का काम भी अटका हुआ है।
एनएचएआई ने हाईकोर्ट को बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद भी कोर्ट को अभी तक जमीन का कब्जा नहीं दिया गया है। 10 नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट में 80 फीसदी जमीन नहीं सौंपी गई है। इसके कारण 34193 करोड़ रुपये की लागत वाली 897 किलोमीटर लंबी नेशनल हाईवे परियोजना लटकी हुई है।
जबकि 13190 करोड़ रुपये की लागत वाली 391 परियोजनाओं का काम भी अधर में लटका हुआ है। वहीं जमीन न मिलने के कारण उन्हें कुछ ठेकेदारों के ठेके रद्द करने पड़े हैं। ठेकेदारों को एक फीसदी राशि देनी पड़ी है। वहीं जमीन के लिए 4104 करोड़ रुपये जमा करवाने के बाद भी जमीन का कब्जा नहीं दिया गया है।