पिछले कुछ वर्षों में ई-रिक्शा के तेजी से बढऩे के संबंध में परिवहन विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसके तहत परिवहन विभाग ने ई-रिक्शा चालकों का निबंधन, बीमा व लाइसेंस रखना अनिवार्य कर दिया है। .
गौरतलब है कि पहले ई-रिक्शा बनाने वाली कंपनियों का दावा था कि इ रिक्शा के लिए रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस और लाइसेंस की जरूरत नहीं है, लेकिन अब रिक्शा चालकों को रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस के लिए अतिरिक्त पैसे देने पड़ रहे हैं.रिक्शा चालक परेशान हो रहे हैं. जिन्होंने तीन-चार वर्ष पूर्व ई-रिक्शा चलाना प्रारंभ किया था, उन्हें रिक्शा क्रय करने के दिन से पंजीकरण शुल्क देना होगा तथा पिछले 3 वर्ष का बीमा भी करवाना होगा। 3 साल पहले रिक्शा खरीदने वाले व्यक्ति को तीन साल की फीस के रूप में 13 हजार रुपये प्रति वर्ष और बीमा की राशि के साथ जुर्माने का भुगतान करना होगा।
ई-रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि आज बैठक कर उनकी समस्याओं पर चर्चा की गयी.संघ के अध्यक्ष दिनेश ठाकुर मुंडी ने मांग की कि ई-रिक्शा चालकों के लिए लागू पंजीकरण नियमों में कुछ रियायत दी जाए।