चंडीगढ़ः पंजाब आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग ने सूबे के 22 जिलों में 5773 गांवों को नए साल पर बड़ी राहत दी है। इन इलाकों के लोगों को अब जमीनों की रजिस्ट्री करवाने के लिए एनओसी के लिए धक्के नहीं खाने पडे़ंगे। सरकार ने इन्हें एनओसी से राहत दे दी है। हालांकि विभाग की सूची में मोहाली जिले का एक भी गांव नहीं है। सरकार ने सोमवार को इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
गांवों में बिना किसी रुकावट के होंगी जमीनों की रजिस्ट्रीः अमन अरोड़ा
आवास निर्माण और शहरी विकास मंत्री अमन अरोड़ा ने बताया कि अब उक्त गांवों में बिना किसी रुकावट जमीनों की रजिस्ट्री हो पाएगी। इससे जहां लोगों को फायदा होगा, वहीं सरकार को राजस्व हासिल होगा। गैरकानूनी कॉलोनियों पर रोक लगाने के लिए राजस्व विभाग की तरफ से कुछ समय पहले विकास अथॉरिटी या लोकल बॉडी के अधिकार क्षेत्र के अधीन आने वाली संपत्तियों की रजिस्ट्री के लिए एनओसी जरूरी कर दिया था। यह फैसला गांवों की रेवेन्यू लैंड पर भी लागू हो गया था, जिससे जमीन मालिकों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन की रजिस्ट्री करवाने से पहले एनओसी जरूरी हो गया था।
जारी किया गया नोटिफिकेशन
दूसरी तरफ पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रॉपर्टी रेगुलेशन एक्ट (पापरा) 1995 के विभिन्न सेक्शनों में कहा गया है कि रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 के उपबंधों के अधीन कोई भी रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार कॉलोनी की जमीन या प्लॉट या इमारत की बिक्री संबंधी सेल डीड या कोई अन्य दस्तावेज रजिस्टर नहीं करेगा, जिस संबंधी समर्थ अथॉरिटी से एनओसी प्राप्त न की गई हो। प्रमुख सचिव आवास निर्माण और शहरी विकास अजोए कुमार सिन्हा ने कहा कि इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।
एनओसी से इन जिलों को मिली राहत
एनओसी से जिला अमृतसर ( 385 गांव), बठिंडा ( 94), होशियारपुर ( 902), जालंधर ( 359), मानसा ( 137), एसबीएस नगर ( 152), लुधियाना ( 346), तरनतारन ( 260), मोगा ( 120), पठानकोट ( 191), फतेहगढ़ साहिब ( 268), बरनाला (66), संगरूर (172), मालेरकोटला ( 69), फाजिल्का (221), कपूरथला (305), श्री मुक्तसर साहिब (118), फरीदकोट (113), रूपनगर (257), गुरदासपुर (479), पटियाला (507), फिरोजपुर (252 गांव) को राहत मिली है।