आज मनाई जा रही है ईद, जानिए इसके इतिहास और महत्व के बारे में

आज 22 अप्रैल दिन शनिवार को ईद मनाई जा रही है। इसी के साथ ही रोजा और रमजान माह खत्म हो गया है। मुस्लिम लोग इसे बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते है। इस दिन मीठी साविया बनाई जाती है और सबको गले लग कर ईद की मुबारक दी जाती है। आइए जानते है ईदउलफितर के इतिहास और महत्व के बारे में:

1. सन् 624 ईसवी में जंगबदर के बाद पैगम्बर मुहम्मद ने पहली बार ईदउलफितर मनाई थी.

2. पवित्र रमजान माह के प्रारंभ के साथ रोजा रखा जाता है. हर दिन अल्लाह की इबादत की जाती है. रमजान के 29वें या 30वें दिन ईदउलफितर का त्योहार मनाते हैं. ईदउलफितर रमजान के खत्म होने का संदेश है.

3. रमजान माह चांद के दिखने पर शुरू होता है और ईद भी चांद के दिखने पर ही मनाई जाती है. मुसलमानों का हिजरी कैलेंडर चांद पर आधारित है.

4. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूरे एक माह तक रोजा रखने और खुदा की इबादत करने पर अल्लाह ईदउलफितर को खुशी के तौर पर देता है.

5. ईद भाईचारे का संदेश देती है. ईद के दिन लोग जकात देते हैं. इसका अर्थ है कि हर सक्षम मुसलमान अपनी कमाई में से कुछ हिस्सा गरीबों में बांटता है, ताकि वे भी ईद की खुशी मना सकें.

6. ईद नफरतों को भूलाकर आपसी प्रेम बढ़ाने का संदेश देती है. इस वजह से लोग अपने मनमुटावों को दूर कर खुशी से गले मिलते हैं और शुभकामनाएं देते हैं. इस मौके पर एक दूसरे को उपहार भी दिया जाता है. परिवार के बड़े सदस्य छोटों को ईदी देते हैं.

7. ईदउलफितर के अवसर पर दावत दी जाती है, जिसमें दोस्त, रिश्तेदार और शुभ चिंतकों को शामिल किया जाता है. इसमें अनेक प्रकार के पकवान परोसे जाते हैं.

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