गर्मी में छाछ पीने का मजा ही अलग है। यह ड्रिंक पेट के लिए काफी फायदेमंद होती है, साथ ही कई सारी स्वास्थ्य समस्याओं से राहत देती है। भारत में कई जगह इसे मट्ठा भी कहा जाता है। अधिकतर लोग छाछ में नमक मिलाकर पीना पसंद करते हैं, मगर ये बहुत बड़ी गलती है।
छाछ पीने से कौन–से फायदे मिलते हैं?
इस पेय पदार्थ को दही से बनाया जाता है। इसमें विटामिन ए, विटामिन डी, कैल्शियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस, राइबोफ्लेविन और प्रोबायिटक्स होते हैं। ये सभी चीजें एनर्जी देने, स्वस्थ पेट और आंतें, मजबूत हड्डियां जैसे लाभ मिलते हैं। न्यूट्रिशिनस्ट किरण कुकरेजा के अनुसार, छाछ में नमक मिलाकर पीना स्वास्थ्य के लिए नुक्सानदायक है। इसका बुरा असर सीधा पेट पर पड़ता है। इसलिए नमक की जगह छाछ में अन्य चीजें मिलाकर पीनी चाहिए।
छाछ में होते हैं हैल्दी बैक्टीरिया
हैल्दी बैक्टीरिया होते हैं, जो नियंत्रित मात्रा में गट हैल्थ के लिए अच्छे माने जाते हैं। इन्हें प्रोबायोटिक्स कहा जाता है। लेकिन इस ड्रिंक में नमक मिलाने से प्रोबायोटिक्स का असर कम हो जाता है और मात्रा कम होने लगती है।
प्रोबायोटिक्स को ऐसे मारता है नमक
न्यूट्रिशिनस्ट के अनुसार, नमक मिलाने से कुछ हैल्दी बैक्टीरियाके लिए खतरनाक वातावरण बन जाता है, जिसके कारण प्रोबायोटिक्स बेअसर होने लगते हैं और मर भी सकते हैं। यह बॉडी की सेल्स को डिहाइड्रेट करने का काम भी करता है।
स्टडी ने भी किया दावा
किरण कुकरेजा ने एक स्टडी का हवाला देते हुए बताया कि स्ट्रेप्टोकॉकस थर्मोफिलस नाम का एक बैक्टीरिया ऐसे कल्चर में नहीं जीवित रह पाता, जिनमें सोडियम कंसंट्रेशन 2 प्रतिशत से ज्यादा होता है।
पेट को होगा भारी नुक्सान
जब गट के हैल्दी बैक्टीरिया असंतुलित हो जाते हैं, तो पेट को सबसे भारी नुक्सान होता है। जिससे आपको गैस, पेट फूलना, वजन में अचानक बदलाव आना, त्वचा की समस्याएं, मूड स्विंग, इंसोम्निया, थकान, मीठा खाने की इच्छा जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।