05/16/2024 11:33 AM

बढ़ता जा रहा है तनाव तो कुकिंग है बैस्ट थैरेपी, जानें कैसे

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में कुकिंग को स्ट्रेस बस्टर माना जाता है क्योंकि जब आप खाना बनाते हैं तो आप उसे बनाने और उसका स्वाद बढ़ाने के लिए तरहतरह की सामग्री का प्रयोग करते हैं। सब्जियों को काटने से ले कर बनाने तक की पूरी प्रक्रिया में आपका ध्यान बंट जाता है जिससे आपका स्ट्रेस लैवल कम हो जाता है। एक सर्वे में यह पाया गया कि बैकिंग से महिलाओं और पुरूषों के करीब चालीस प्रतिशत स्ट्रेस कम हो जाता है, इसलिए खाना बनाने को बोझ नहीं बल्कि अपनी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए उपयोगी मानने की जरूरत है।

कुकिंग बैस्ट थैरेपी है जो किसी भी दिमागी परेशानी को कम कर सकती है। बड़ेबड़े शहरों में कुकिंग से स्ट्रेस लैवल को कम करने की दिशा में वर्कशॉप चलाई जा रही हैं। पूरा विश्व इसे थेरैपी मानता है। पांच साल पहले विदेशों में जो स्ट्रेस लेवल था उसे बेकिंग और कुकिंग से 8 प्रतिशत तक कम करने में मदद मिली है।

कुकिंग के निम्न फायदे: हैं खाना एकदूसरे को जोड़ता है, फिर चाहे वह मित्र हो या परिवार वाले, अच्छे भोजन की सबको चाह रहती है। कुकिंग करते समय तरहतरह के व्यंजनों को काटना पड़ता है जिसमें सब्जियों के रंग और मसालों के स्वाद काटने वाले की नसों को शांति प्रदान करते हैं जिससे तनाव कम होता है। सब्जियों को काटना, मसलना, क्रश करना, स्लाइस करना, छीलना आदि सभी काम ध्यान को प्रभावी तरीके से किसी भी समस्या से दूर हटाते हैं, जिससे आप तनाव मुक्त हो जाते हैं। कुकिंग में क्रश करना, स्लाइस करना, छीलना आदि सभी काम ध्यान को प्रभावी तरीके से किसी भी समस्या से दूर हटाते हैं जिससे आप तनाव मुक्त हो जाते हैं। कुकिंग में क्रिएटिविटी खूब होती है।

जितना आप उसे सही तरीके से पेश करेंगे, उतने ही आप नएनए तरीके सोचेंगे। इससे आप गुड फील करेंगे। अगर आप अच्छा खाना बनाती हैं, तो अधिकतर मित्र या परिवार वाले आपके इस हुनर की तारीफ करते नहीं थकते। इससे आपका मनोबल ऊंचा होता है। जब आप खाना किसी दोस्त या परिवार वालों की पसंद का बनाती हैं और वे उसे खुश हो कर खाते हैं और आपके साथ खुशी को शेयर भी करते हैं तो इससे आप पर स्ट्रेस की जगह फूड हावी हो जाता है। खाना बनाना एक कला है, जो हर व्यक्ति में अलगअलग होती है और शांति देती है। खाना बनाना आने पर आप अपना मनपसंद खाना खा सकते हैं जिससे आपको सुकून मिलेगा और तनाव दूर होगा। यह सही है कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में कामकाजी महिलाआें के लिए खाना बनाना आसान नहीं होता।

ऐसे में आप अगर स्मार्ट कुकिंग करना चाहती हैं तो यह तैयारी पहले से कर लें: कुकिंग में प्रयोग होने वाली पूरी सामग्री का प्रबंध आप नहीं कर सकतीं तो ऐसे में स्मार्ट कुकिंग का सबसे अच्छा तरीका यह है कि बाजार में मिलने वाले तरहतरह के मसालों का प्रयोग खाने में करें। इसके लिए पौष्टिकता, टेस्ट और सुगंध बनाने वाले मसालों का ध्यानपूर्वक चयन कर खरीद कर घर में रखें। सब्जियों को रात में काट कर, कच्चे मसाले की सामग्री को पीस कर, भिगो कर और भाप दे कर पहले से फ्रिज में रख लें। अगर दाल बनाती हैं तो उसे पहले से भिगो कर रखें ताकि जल्दी पक जाए। इससे उसके पोषक तत्व भी कायम रहते हैं और गल भी जल्दी जाती है। कामकाजी महिलाएं अपना ध्यान रख कर पूरे परिवार का ख्याल रखती हैं। इससे उनका मूड और मॉरल दोनों ही नीचे चले जाते हैं। ऐसे में उन्हें अपना ख्याल पहले रखना चाहिए ताकि उन्हें काम के दौरान किसी प्रकार का तनाव रहे।