05/16/2024 2:23 PM

अपने बच्चे को सुपर चाइल्ड कैसे बनाएं, फॉलो करें टिप्स

बच्चों में रोज व्यायाम की आदत हम अपने शरीर की देख-रेख करते हैं, क्योंकि यही स्थान हमारा आश्रयस्थल है। जैसा कि प्राचीन भारतीय ग्रंथों में कहा गया है और जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी स्वीकार किया है, स्वास्थ्य का अर्थ केवल रोग की अनुपिस्थति नहीं है, बल्कियह देह और मन दोनों की जीवन-शक्ति, बल व आनंद है। बच्चे के स्वास्थ्य के दो घटक हैं, जैसे-भोजन और शारीरिक गतिविधियां। फेसबुक, ट्विटर, स्नैपचैट, इंस्टाग्राम, नेटफ्लिक्स जैसा डिजिटल जगत गतिहीन जीवन-शैली को बढ़ावा देकर उनकी शारीरिक गतिविधियों और क्रियाओं को सीमित करता है।

विडंबना है कि इस पीढ़ी के बच्चे अपनी पिछली पीढ़ी के बच्चों से शारीरिक रूप से बहुत कम सक्रिय हैं। व्यायाम भी पढ़ाई-लिखाई जितना ही जरूरी है। आपके बच्चे का स्वास्थ्य उसके ग्रेड्स से कहीं ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। हमें बतौर अभिभावक बच्चों को नृत्य करने, साइकिल चलाने, खेलने, तैराकी, प्रकृति की सैर, योग या टहलने जैसी शारीरिक गतिविधियों की आदत डलवानी होगी। व्यायाम की आदत व्यायाम ऐसी शारीरिक क्रिया है, जिसमें शरीर गति करता है। यह ऐसी क्रिया है, जो शारीरिक फिटनैस व संपूर्ण स्वास्थ्य तथा देहावस्था को बेहतर लाभ्

– ’बच्चे को स्वस्थ, फिट, चुस्त और मुस्तैद बनाता है।

– बच्चे की लंबाई बढ़ती है, जो आमतौर पर बहुत से अभिभावकों की चिंता का विषय रहता है।

– ’बच्चे की रोग प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ती है, साथ ही बच्चे का रोगों से भी बचाव होता है।

– ’आपके बच्चे की दिनचर्या में ऐसी शारीरिक गतिविधि जुड़ जाती है, जो उसके जीवनपर्यंत फिटनैस व अच्छे स्वास्थ्य का आधार बनती है।

– क्रिया से ही भावनाएं बनती हैं। इससे उसका दिमाग केंद्रित और तेज होता है। केवल स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है। अगर बच्चे का शरीर स्वच्छ रहेगा तो उसका मन भी स्वस्थ रहेगा।

– बच्चे को विभिन्न शारीरिक गतिविधियों से परिचित करवाने से उसकी उनमें से किसी गतिविधि, जैसे खेल में कॅरियर बनाने की दिलचस्पी जाग सकती है।

– बच्चे की उम्र बढ़ाने में मदद मिलती है। शोध बताते हैं कि व्यायाम करने वाले लंबी उम्र तक जीवित रहते हैं और उनके बीमार होने की संभावना भी कम होती है।

– ’यह सोफे पर बैठकर टी.वी. देखते रहने वाले आलसियों का रामबाण इलाज है। शारीरिक गतिविधि की आदत विकसित करना

– शोध बताते हैं कि बच्चों को रोजाना कम-से-कम 60 मिनट व्यायाम करना चाहिए, जो उनके दिन के 24 घंटे के समय में से केवल 4 प्रतिशत है।

– ’इसे बच्चे के जीवन का हिस्सा बनाने का सबसे आसान तरीका उसे खेल, नृत्य, योग, प्रकृति जैसी विभिन्न शारीरिक गतिविधियों से जोड़ना है। बच्चे को स्कूल में किसी-न-किसी खेल से जुड़ने के लिए प्रेरित करें।

– अगर आपके अपार्टमैंट में लिफ्ट है तो भी दिन में कम-से-कम एक बार बच्चे को लिμट की जगह सीढ़ियों का उपयोग करने को कहें। अगर वह रोज 200 सीढ़ियां भी चढ़ता है तो साल भर में वह 73,000 कदम चढ़ा है, जो 56 किलोमीटर के बराबर है।

– व्यायाम को अपनी पारिवारिक आदत और पारिवारिक मूल्य बनाएं। पूरा परिवार सप्ताह में कम-से-कम एक घंटा एक साथ किसी भी शारीरिक गतिविधि में बिताएगा। सप्ताह में एक बार बिना मोबाइल परिवार के साथ टहलने जाएं। इसके अलावा, वर्ष में कभी-कभार पारिवारिक सैर-सपाटा या ट्रैकिंग का आयोजन भी किया जा सकता है।