जालंधर सिटी रेलवे स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में मंगलवार सुबह लाल रंग के सूटकेस में शव मिलने के बाद भी लापरवाही का आलम बरकरार है। चाहे वो आरपीएफ हो या जीआरपी। सिटी रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा को लेकर सतर्कता नहीं दिखाई दी। स्टेशन पर स्कैनिंग मशीन बंद बड़ी है।
लाखों खर्च कर लगाई गई स्कैनिंग मशीन नहीं आ रही काम
बुधवार को भी यात्रियों की चेकिंग नहीं की गई। रिजर्वेशन काउंटर के आगे मेटल डिटेक्टर होते थे, वो अब नहीं हैं। कोई भी आसानी से रेलवे स्टेशन के अंदर कुछ भी लेकर जा सकता है। दूसरी तरफ मुख्य एंट्री गेट पर मार्च 2019 में लाखों रुपये खर्च कर लगाई गई स्कैनिंग मशीन भी किसी काम नहीं आ रही है। मशीन 6 महीने से खराब है।
अवैध रूप से एग्जिट और एंट्री गेट भी नहीं किए गए बंद
हालांकि इस मशीन को लगाने का उद्देश्य ही यही था कि रेलवे स्टेशन पर किसी प्रकार का कोई भी हथियार, नशीला सामान आदि लेकर न जा सके। इसके साथ-साथ स्टेशन के अवैध रूप से एग्जिट और एंट्री गेट भी रेलवे पूरी तरह से बंद नहीं कर पाया है। इस वजह से स्टेशन के अंदर व बाहर सामान लेकर कोई भी जा सकता है।
बता दें कि मशीन वीआईपी गेट पर हंत टेक्नोलाजीस की तरफ से इंस्टाल की गई थी, जिस संबंधी आरपीएफ के कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दे दी गई थी। इसके पीछे का यही उद्देश्य था कि टिकट लेने के बाद यात्रियों की एंट्री केवल एक ही रास्ते से हो। इससे स्टेशन पर आने वाले प्रत्येक यात्री और उसके सामान की मशीन के जरिए गहनता से जांच हो सके। मगर योजना साकार नहीं हो सकी।