रागी या बाजरे या मोटा अनाज कैल्शियम से भरपूर होता है। इसकी रोटी बनाकर खाने से कार्टिलेज को आवश्यक पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है जिससे दर्द से राहत मिलती है। रागी-बाजरे में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण मोजूद होता है जो सूजन से बचाता है।
घी: देशी घी का सेवन सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। घी, तिल या जैतून के तेल के उपयोग से शरीर की सूजन और गठिया में राहत मिल सकती है, इससे जोड़ों में चिकनाई पैदा होती है और जोड़ों की जकड़न और दर्द को कम किया जा सकता है।
छाछ: छाछ में आरामदायक, कूलिंग और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं जो हड्डियों के जोड़ों में सूजन से निपटने में सक्षम होते हैं। यह कैल्शियम का एक उत्कृष्ट स्रोत है जिसका उपयोग स्वस्थ और मजबूत हड्डियों के निर्माण के लिए किया जाता है।
बादाम: बादाम को सर्दियों के मौसम में खाना काफी फायदेमंद माना जाता है। बादाम में पाया जाने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड सूजन और गठिया के लक्षणों को कम करने में मददगार होता है। इसके अलावा बादाम सर्दियों में शरीर को अंदर से गर्म रखने में भी मदद कर सकता है।
अजवायन: अजवायन में एनेस्थेटिक गुण होता है जो ज्वाइंट पेन और स्टीफनेस को कम करता है। आप अजवायन और पानी को रोजाना पी सकते हैं।
लहसुन: लहसुन को खाना पकाने में स्वाद के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं लहसुन को स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक माना जाता है। लहसुन के सेवन से जोड़ों के दर्द में काफी आराम मिलता है। लहसुन में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो जोड़ों के दर्द में राहत पहुंचाने में मदद कर सकते हैं।
अदरक: अदरक के बारे में हम सब जानते हैं। अदरक एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीसेप्टिक गुणों के लिए जाना जाता है जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है। यह खून के सर्कुलेशन को तेज करता है जिससे प्रभावित जगहों पर गर्मी आती है और दर्द से राहत मिलती है।
केसर और हल्दी का दूध: हल्दी में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जिससे जोड़ों के दर्द में आराम पहुंचाता है। इसके अलावा दूध कैल्शियम का सबसे अच्छा स्त्रोत माना जाता है, जो आपकी हड्डियों को भी मजबूत बनाता है। कई रिसर्च में ये बात सामने आ चुकी है कि हल्दी गठिया के दर्द में बहुत कारगर होती है। ठंड के मौसम में दूध में हल्दी और केसर डालकर जरूर पीना चाहिए। इससे आपको बहुत आराम होगा।